सुनो सांवरे ..! मुझे साहित्य पर लिखना है क्या लिखूँ..? सुनो सांवरे ..! मुझे साहित्य पर लिखना है क्या लिखूँ..?
यूं भी जीना मैं सीख जाऊंगी। मैं नहीं जानती थी तुम बिन जीना भी मैं सीख जाऊंगी। यूं भी जीना मैं सीख जाऊंगी। मैं नहीं जानती थी तुम बिन जीना भी मैं सीख जा...
मैं जानती हूँ मैं जानती हूँ
मुझे तुमको देखना है, और तुम्हें मुझको मुझे तुमको देखना है, और तुम्हें मुझको
जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं। जो नजरों से गिर जाये उसे उठाना नहीं।
इंतज़ार और आस इंतज़ार और आस